Tuesday, September 21, 2010

दिव्य प्रजापत



मेरा नाम दिव्य प्रजापत है |मैंने इस दुनिया मैं १३ अप्रेल, २०१० ११:४० रात्रि को अवतरण किया...मेरा जन्म स्थान जैन हॉस्पिटल राजगढ़ ( चुरू) है | मैं जन्म से अच्छी  तरह था पर २०-२२ दिन बाद मेरे गले पर एक गांठ होगयी | फिर क्या डॉक्टर ने दवाई पर दवाई देनी सुरु करदी| मैं  तंग  होगया  भाई  लोगो | दिन  में   पांच   चार  तरह   की   दवाई  तिन   चार  बार | चार पांच बार देसी दवाइयों पर पी. अच्. ड़ी. करने वालो का रिसर्च असाईनमेंट  बन गया.... वो भी रिसर्च कर कर के अपनी दवाई चैक कर लेते थे....... बड़ी मुस्किल मैं जिंदगी कट रही थी..... एक दो कोई सलाह देने वाले हिसार चिडावा  जयपुर के भ्रमण करने की सलाह भी दे ड़ाल ते  थे......मज़बूरी थी बोल तो सकत नहीं........ मज़बूरी कोई समझ नहीं रहा बस एक्सपेरिमेंट पर एक्सपेरिमेंट हो रहे थे... बस एक मां थी... एक दो टाइम की दवाई न दे कर के वो कोई थोड़ी बहुत राहत देती थी......... सबसे ज्याद परेसान नानी .......................

Thursday, June 10, 2010